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इंदौर जिले का सिंधोरा उन पहले गांवों में से एक था जिसे राष्ट्रव्यापी ‘प्लास्टिक-मुक्त’ अभियान में शामिल किया गया। इस गांव ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई में एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। यहां के निवासियों ने न केवल अपने दैनिक जीवन से प्लास्टिक को दूर किया है, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया है।
सिंधोरा के लोगों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने गांव को पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त बनाएंगे। इसके लिए उन्होंने कई जागरूकता अभियान चलाए और प्लास्टिक के विकल्पों को अपनाने पर जोर दिया। गांव में कपड़े और जूट के बैग का उपयोग बढ़ा है और प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल लगभग बंद हो गया है।
इस पहल की सफलता को देखते हुए, अब आसपास के अन्य गांव भी सिंधोरा के मॉडल को अपनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। सिंधोरा की यह कहानी दिखाती है कि यदि समुदाय एकजुट होकर प्रयास करे तो प्लास्टिक प्रदूषण जैसी बड़ी समस्या से भी निपटा जा सकता है।