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सिद्दीपेट, तेलंगाना: तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले में एक अभिनव और पर्यावरण-अनुकूल प्रयोग ने शानदार सफलता हासिल की है। चार साल पहले नारियल के रेशों (कोयर) का उपयोग करके बनाई गई एक ग्रामीण सड़क आज भी पूरी तरह से मजबूत और बरकरार है। यह सड़क पारंपरिक टार सड़कों के लिए एक टिकाऊ और स्थायी विकल्प बनकर उभरी है, और इसने भारत में सड़क निर्माण के भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं।
यह प्रयोग ग्रामीण सड़क निर्माण में आने वाली समस्याओं, जैसे कि जलभराव और मिट्टी के कटाव, का समाधान करने के लिए शुरू किया गया था। नारियल के रेशे मिट्टी को मजबूती देते हैं और कटाव को रोकते हैं, जिससे सड़क की उम्र बढ़ जाती है। यह तकनीक न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह नारियल किसानों के लिए भी आय का एक नया स्रोत प्रदान करती है।
इस सफल प्रयोग के बाद, सरकार और संबंधित अधिकारी अब इस तकनीक को अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने पर विचार कर रहे हैं। यह पहल ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और साथ ही पर्यावरण की रक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।