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पहचान की आस
अहमदाबाद, गुजरात: अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के बाद शहर के सिविल अस्पताल के बाहर एक हृदय विदारक और मार्मिक मंजर देखने को मिल रहा है। अपने प्रियजनों को खो चुके सैकड़ों परिवार के सदस्य, एक उम्मीद की किरण और अंतिम संस्कार की अनुमति के इंतजार में, दर्दनाक घंटों का सामना कर रहे हैं। हर गुजरता पल उन्हें पहाड़ जैसा भारी लग रहा है, क्योंकि वे अनिश्चितता और गहरे सदमे की स्थिति में हैं।
अस्पताल प्रशासन ने मृतकों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए सैंपल जमा करने को कहा है, विशेषकर उन शवों के लिए जिनकी दुर्घटना में अत्यधिक क्षति के कारण पहचान करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने 72 घंटों के भीतर डीएनए जांच के परिणाम देने का आश्वासन दिया है, ताकि परिवार अपने प्रियजनों के अवशेष प्राप्त कर सकें। हालांकि, शोक संतप्त परिवारों के लिए हर एक घंटा पिछले से भी भारी महसूस हो रहा है। लंबी कतारें, अपनों की तलाश और अनिश्चितता का माहौल उनकी पीड़ा को और भी बढ़ा रहा है।
इस त्रासदी ने कई परिवारों को पूरी तरह से तोड़ दिया है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, सभी अपने खोए हुए सदस्यों की अंतिम झलक पाने और उन्हें उचित सम्मान के साथ विदा करने के लिए आतुर हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन परिवारों को भोजन, पानी और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन दर्द इतना गहरा है कि उसे कोई आसानी से भर नहीं सकता। यह स्थिति किसी भी आपदा के सबसे मानवीय पहलू को उजागर करती है, जहां लोग धैर्य के साथ न्याय और शांति की तलाश में जुटे हैं।