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कोयंबटूर: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के 24वें राष्ट्रीय अधिवेशन में केरल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री एमए बेबी को पार्टी का नया महासचिव चुना गया है। यह अधिवेशन तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित किया गया, जहां देशभर से पार्टी प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
एमए बेबी का चयन सर्वसम्मति से किया गया, हालांकि सूत्रों के अनुसार, महासचिव पद के लिए ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के अध्यक्ष अशोक धावले का नाम भी चर्चा में था। पार्टी के एक वर्ग ने धावले के नाम का समर्थन किया था, लेकिन अंततः अनुभव और संगठनात्मक पकड़ को प्राथमिकता देते हुए बेबी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई।
एमए बेबी वाम राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। वे लंबे समय से मार्क्सवादी विचारधारा के प्रचारक और संगठन के मजबूत स्तंभ रहे हैं। केरल सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने प्रभावशाली काम किया था और पार्टी के वैचारिक विस्तार में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।
अधिवेशन में पार्टी के समक्ष कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, निजीकरण, किसान आंदोलन और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले जैसे विषय प्रमुख रहे। अपने पहले संबोधन में एमए बेबी ने कहा कि पार्टी को नए सिरे से संगठित कर जनआंदोलनों को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीपीआई का उद्देश्य देश की जनता के हक और संविधान की रक्षा करना है।
एमए बेबी के महासचिव बनने से उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी अब दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
इस अधिवेशन के जरिए सीपीआई ने अपनी रणनीति में बदलाव के संकेत दिए हैं और आने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए जनसंपर्क बढ़ाने पर जोर देने का संकल्प लिया है।