
supreme court
रांची: सुप्रीम कोर्ट ने एक हत्याकांड के छह आरोपियों को ‘भारी मन’ से रिहा कर दिया है, क्योंकि मामले के 87 गवाहों में से 71 अपने बयानों से पलट गए। शीर्ष अदालत की बेंच ने इस स्थिति पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यहां तक कि एक युवा लड़का, जो एक महत्वपूर्ण चश्मदीद गवाह था और जिसने अपने पिता को बेरहमी से मारते हुए देखा था, वह भी हमलावरों की पहचान करने में विफल रहा।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा, क्योंकि अधिकांश गवाह शत्रुतापूर्ण हो गए थे। अदालत ने गवाहों के मुकरने की प्रवृत्ति पर चिंता जताई, जिससे आपराधिक न्याय प्रणाली में बाधा आ रही है। बेंच ने टिप्पणी की कि इस मामले में एक युवा लड़के जैसे महत्वपूर्ण गवाह का भी हमलावरों की पहचान न कर पाना बेहद निराशाजनक है।
अदालत ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि गवाहों के मुकरने के कारण, जघन्य अपराध के आरोपी व्यक्ति कानून के शिकंजे से बच गए। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों और जांच एजेंसियों से आग्रह किया कि वे गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें अपने बयानों पर टिके रहने के लिए प्रोत्साहित करने के उपाय करें, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।