
CV Bose
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राज्य सरकार की अपील को दरकिनार करते हुए हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा करने का फैसला किया है। राज्य में हाल ही में हुई राजनीतिक झड़पों और सांप्रदायिक तनाव के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
राज्यपाल के इस फैसले से ममता बनर्जी सरकार और राजभवन के बीच तनाव और गहराता दिख रहा है। सरकार ने राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्यपाल से दौरे को टालने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने साफ कहा कि “मानवाधिकारों और संवैधानिक जिम्मेदारियों के तहत वह अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।”
इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने पूछा है कि हिंसा की घटनाएं क्यों नहीं रोकी जा सकीं और पीड़ितों को क्या राहत दी गई है।
राज्यपाल का यह दौरा मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना और बीरभूम जैसे संवेदनशील जिलों में तय किया गया है, जहां हाल के दिनों में हिंसा की कई घटनाएं सामने आई थीं। बताया जा रहा है कि राज्यपाल स्थानीय नागरिकों, पीड़ित परिवारों और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लेंगे।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राज्यपाल के इस कदम को “राजनीतिक स्टंट” बताया है और आरोप लगाया कि वह केंद्र सरकार के इशारे पर राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, भाजपा नेताओं ने राज्यपाल के निर्णय को “साहसी और जिम्मेदाराना” करार दिया है।
राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर राजभवन और सचिवालय के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में यह दौरा राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर और भी गर्माहट ला सकता है।