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2018 एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में बड़ी राहत: हाई कोर्ट ने कहा, बिना मुकदमे जेल में रखना संविधान का उल्लंघन.

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2018 एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने कहा है कि बिना मुकदमे के किसी व्यक्ति को लंबे समय तक जेल में रखना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

कोर्ट ने विशेष अदालत से कहा है कि वह इस मामले में जल्द से जल्द मुकदमा चलाए। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को बिना किसी ठोस सबूत के जेल में रखना न्याय के खिलाफ है।

क्या है मामला?

2018 में पुणे में एल्गार परिषद नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के बाद हुई हिंसा के लिए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने माओवादियों के साथ मिलकर साजिश रची थी।

हाई कोर्ट का फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को कानून के अनुसार न्याय मिलने का अधिकार है। किसी भी व्यक्ति को बिना सबूत के दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

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