bombay highcourt
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बारामती एग्रो (Baramati Agro) कंपनी द्वारा दायर एक याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका राज्य में चीनी मिलों के लिए आगामी गन्ना पेराई सत्र से संबंधित एक नीतिगत निर्णय को चुनौती देती है। इस कानूनी चुनौती ने राज्य के चीनी उद्योग और कृषि नीति से जुड़े मामलों में एक बार फिर से गहमागहमी पैदा कर दी है।
बारामती एग्रो ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने चीनी आयुक्त (Commissioner-Sugar) द्वारा चीनी मिलों को जारी किए गए एक पत्र को चुनौती दी है। इस पत्र में नए पेराई सत्र के लिए नीतिगत निर्णय और दिशानिर्देशों की जानकारी दी गई थी। याचिकाकर्ता का तर्क है कि यह नीतिगत निर्णय अवैध है और यह चीनी मिलों के सामान्य परिचालन और उनके व्यावसायिक हितों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। कंपनी ने अदालत से इस पत्र पर रोक लगाने की मांग की है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद इसे गंभीर मानते हुए महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से जल्द से जल्द अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। इस याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला न केवल बारामती एग्रो के लिए, बल्कि राज्य की अन्य सभी चीनी मिलों और हजारों गन्ना किसानों के हितों के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। यह मामला अब राज्य की कृषि और चीनी नीति के भविष्य को लेकर अदालती बहस का केंद्र बन गया है।