
उनकी रिहाई रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से दुश्मन संपत्ति मामले में मिली जमानत के बाद हुई है। अब्दुल्ला की रिहाई की खबर मिलते ही जेल के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रामपुर और हरदोई से बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता और नेता उनके स्वागत के लिए पहुंचे।
अब्दुल्ला आजम सफेद कुर्ता-पायजामा और गहरे रंग की नेहरू जैकेट पहने हुए जेल से बाहर निकले। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच उन्हें जेल से बाहर लाया गया। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद अब्दुल्ला की रिहाई लंबे समय तक अटकी रही थी। रामपुर पुलिस ने उनके खिलाफ नए आरोप जोड़ने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
रिहाई के बाद अब्दुल्ला आजम सीधे रामपुर स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए। समर्थकों ने उनके काफिले पर फूल बरसाए और जमकर नारेबाजी की। सपा कार्यकर्ताओं ने इसे न्याय की जीत बताया और भाजपा सरकार पर राजनीतिक द्वेष के चलते फर्जी मामलों में फंसाने का आरोप लगाया। अब्दुल्ला आजम की गिरफ्तारी 2022 में हुई थी और उन पर कई संगीन आरोप लगे थे।
सपा नेता अखिलेश यादव ने भी अब्दुल्ला आजम की रिहाई पर खुशी जताई और कहा कि सत्ताधारी दल विपक्षी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसा रहा है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब्दुल्ला की रिहाई से रामपुर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब्दुल्ला आजम की रिहाई को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के लिए बड़ा समर्थन माना जा रहा है।