
इस अनोखी क्षमता के चलते उन्होंने अब तक 14 लोगों की जान बचाई और 13 शव बरामद किए हैं।
मुख्य बिंदु:
- भुल्लू साहनी जन्म से नेत्रहीन हैं लेकिन पानी में उतरते ही साफ-साफ देख सकते हैं।
- उन्होंने बाया नदी और अन्य जलाशयों में डूबते 14 लोगों की जान बचाई।
- अब तक 13 शव भी निकाल चुके हैं, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोगों को बड़ी मदद मिली है।
- उनकी बहादुरी के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें सम्मानित किया।
- बिहार पुलिस सप्ताह कार्यक्रम में उन्हें ₹10,000 का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र मिला।
- भुल्लू जल योद्धा के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं।
- उनका कहना है कि वे पानी के अंदर 2 मिनट तक रह सकते हैं।
- मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान मिलने के बावजूद सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा।
- वे भुजा (चने) बेचकर गुजारा करते हैं और शव निकालने पर कभी-कभी इनाम मिलता है।
- उन्होंने सरकार से इंदिरा आवास योजना के तहत घर देने की मांग की है।
- विकलांग पेंशन और राशन कार्ड जैसी सुविधाओं की भी अपील की है।
- गांव के लोग और उनके पिता कैलू साहनी उनके साहस पर गर्व करते हैं।
- गांव वालों ने सरकार से उनकी आर्थिक मदद की अपील की है।
- स्थानीय प्रशासन से भी उन्होंने रोज़गार और पेंशन दिलाने की मांग की है।
- पानी में देखने की उनकी अनोखी क्षमता विशेषज्ञों के लिए भी रहस्य बनी हुई है।
- समस्तीपुर में लोग अब उन्हें जल योद्धा के नाम से जानते हैं।
- बचाव कार्यों में उनकी भूमिका को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल करने की योजना बनाई है।
- भुल्लू साहनी का कहना है कि वे मानवता की सेवा जारी रखेंगे।
- उन्होंने कहा कि अगर उन्हें उचित प्रशिक्षण और मदद मिले, तो वे और भी अधिक लोगों की जान बचा सकते हैं।
- सरकारी मदद मिलने पर वे अपना जीवन सम्मानजनक तरीके से जी सकते हैं।