
NEW DELHI HIGH COURT
नई दिल्ली : उच्च न्यायालय में आज हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो गए। कोर्ट ने 19 दिसंबर 2024 को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्यौरा 24 मार्च 2025 को पेश करे। हालांकि, केंद्र सरकार समय पर रिपोर्ट दाखिल करने में असफल रही, जिससे अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने केंद्र सरकार के वकील से पूछा कि क्यों अब तक रिपोर्ट जमा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अदालत ने पर्याप्त समय दिया था, लेकिन इसके बावजूद सरकार आवश्यक जानकारी प्रस्तुत नहीं कर पाई।
“यह अदालत के आदेशों की अवहेलना है। यदि सरकार समय पर जानकारी नहीं दे सकती, तो इससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित होती है,” न्यायाधीश ने टिप्पणी की। उन्होंने केंद्र सरकार को जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
सरकार की सफाई
सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि संबंधित विभागों से जानकारी जुटाने में समय लग रहा है, इसलिए रिपोर्ट जमा करने में देरी हुई है। उन्होंने अदालत से और समय देने की मांग की, ताकि सही तरीके से रिपोर्ट तैयार कर उसे प्रस्तुत किया जा सके।
अगली सुनवाई में हो सकता है बड़ा फैसला
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए नई तारीख तय कर दी है और स्पष्ट किया कि यदि अगली सुनवाई तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई, तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि भविष्य में सरकारी विभाग अदालत के आदेशों को गंभीरता से लें।
निष्कर्ष
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में देरी से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को अंतिम चेतावनी दी है कि अगली सुनवाई में पूरी रिपोर्ट पेश की जाए, अन्यथा कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। अब सबकी नजरें अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह साफ होगा कि सरकार अदालत के आदेशों का पालन किस हद तक करती है।