
Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान कहा कि आपदा प्रबंधन में मिली सफलता सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपदा प्रबंधन की लड़ाई में संस्थाओं को सशक्त और जवाबदेह बनाना आवश्यक है।
आपदा प्रबंधन में सुधार और बजट वृद्धि
अमित शाह ने बताया कि 2004 से 2014 तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) का बजट 38,000 करोड़ रुपये था, जिसे 2014 से 2024 के बीच बढ़ाकर 1,24,000 करोड़ रुपये किया गया। इसी अवधि में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) का बजट 28,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग 80,000 करोड़ रुपये किया गया। इस प्रकार, दोनों कोषों का संयुक्त बजट 66,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो लाख करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एनडीआरएफ की भूमिका
गृह मंत्री ने बताया कि एनडीआरएफ की 16 बटालियन सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जिनकी उपस्थिति से लोगों में विश्वास बढ़ा है। एनडीआरएफ ने न केवल देश में, बल्कि नेपाल, इंडोनेशिया, तुर्की, सीरिया, म्यांमार और वियतनाम जैसे देशों में भी आपदा प्रबंधन के तहत सफल अभियान चलाए हैं, जिससे भारत की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रशिक्षण
अमित शाह ने बताया कि आपदा प्रबंधन कौशल को बेहतर बनाने के लिए भारत ने जापान, तजाकिस्तान, मंगोलिया, इटली, मालदीव, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और बांग्लादेश के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों के माध्यम से भारत और इन देशों के बीच आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अनुभवों और तकनीकों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
निष्कर्ष
अमित शाह के अनुसार, आपदा प्रबंधन में भारत की सफलता सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। संस्थाओं को सशक्त और जवाबदेह बनाकर, बजट में वृद्धि करके, और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से, भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है।