
workers' families with official
इन मजदूरों का अपहरण उनकी कंपनी के कार्यालय पर हुए एक हिंसक हमले के बाद हुआ। मजदूरों की पहचान संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो और फलजीत महतो (दोंदलो पंचायत से) और उत्तम महतो (मुंडरो से) के रूप में हुई है।
अपहृत मजदूरों के परिवारों का कहना है कि उन्हें घटना के 48 घंटे बाद भी उनके ठिकाने या किसी भी जानकारी के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे उनके घरों में निराशा का माहौल है। परिजनों ने बताया कि ये सभी मजदूर जनवरी 2024 में केपीटीएल नामक एक ट्रांसमिशन कंपनी में काम करने के लिए नाइजर गए थे। उन्हें इस घटना की जानकारी कंपनी के ही कुछ अन्य कर्मचारियों से मिली।
परिजनों के अनुसार, हथियारबंद अपराधियों के एक समूह ने कंपनी के कार्यालय पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में 12 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जिसके बाद इन पांच मजदूरों ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें अगवा कर लिया गया। बगोदर के एसडीओ नरेंद्र गुप्ता ने बताया कि नाइजर में एक आतंकवादी हमला हुआ है और अभी तक मजदूरों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कंपनी उनकी तलाश कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरिडीह के कई अन्य लोग भी नाइजर में काम करते हैं और वे कंपनी के संपर्क में हैं।