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ओडिशा की ‘शीरो’ स्नेहश्री बनाती हैं घोंसले, करती हैं अनाथों का बचाव और आश्रय.
ओडिशा के अंतिम छोर वाले जिले मलकानगिरी में, जहां जंगल की चीखें अक्सर अनसुनी रह जाती हैं, एक महिला सुनती और प्रतिक्रिया करती है। वह पक्षियों को आश्रय देती है, सांपों को बचाती है, और परित्यक्त बच्चों को सहारा देती है। स्नेहश्री राउल, जिन्हें प्यार से ‘शीरो’ कहा जाता है, एक असाधारण महिला हैं जिन्होंने अपना जीवन बेजुबान जीवों और जरूरतमंद इंसानों की सेवा में समर्पित कर दिया है।
स्नेहश्री पक्षियों के लिए कृत्रिम घोंसले बनाती हैं ताकि उन्हें सुरक्षित ठिकाना मिल सके। वह घायल सांपों का बचाव करती हैं और उन्हें वापस जंगल में छोड़ देती हैं। इसके अलावा, स्नेहश्री अनाथ और परित्यक्त बच्चों को भी अपने घर में आश्रय देती हैं, उन्हें प्यार और देखभाल प्रदान करती हैं। उनका मानना है कि हर जीव और हर इंसान को सम्मान और सुरक्षा का अधिकार है।
उनकी यह निस्वार्थ सेवा मलकानगिरी जैसे दूरदराज के इलाके में उम्मीद की किरण जगाती है। स्नेहश्री न केवल जानवरों और बच्चों की मदद करती हैं, बल्कि वह स्थानीय लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण और जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी कहानी करुणा और सेवाभाव का एक प्रेरणादायक उदाहरण है।