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सोनभद्र, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित 1.4 अरब साल पुराने सल्खन जीवाश्मों को यूनेस्को की अस्थायी (Tentative) सूची में शामिल किए जाने से राज्य पर वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित हुआ है। यह एक महत्वपूर्ण विकास है जो भारत के भूवैज्ञानिक इतिहास में इन जीवाश्मों के महत्व को रेखांकित करता है।
यह अनूठी भूवैज्ञानिक विशेषता, जिसे सल्खन फॉसिल पार्क के नाम से जाना जाता है, अब अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से उभरेगी। यह विकास राज्य के पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है। यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल होना विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम है, जिससे इस स्थल के संरक्षण और प्रचार को बढ़ावा मिलेगा।
यह ऐतिहासिक और वैज्ञानिक महत्व का स्थल अब दुनिया भर के शोधकर्ताओं, पर्यटकों और भूवैज्ञानिकों को आकर्षित करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार को अब इस स्थल के संरक्षण, बुनियादी ढांचे के विकास और इसे विश्व स्तर पर बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि इसकी पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल सके।