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नई दिल्ली: एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच 1.78 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) से अधिक क्षेत्र में क्षतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation) किया है। यह आंकड़ा देश के हरित आवरण को बढ़ाने और विकास परियोजनाओं के कारण होने वाले वन हानि की भरपाई के प्रयासों को दर्शाता है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (CAMPA) के तहत धन का उपयोग विभिन्न राज्यों में तेजी से भिन्न होता है। कुछ राज्य आवंटित धन का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहे हैं, जबकि अन्य में उपयोग की दर काफी कम है। यह विसंगति निधि के प्रबंधन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में क्षेत्रीय असमानताओं को उजागर करती है।
पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि क्षतिपूरक वनीकरण का उद्देश्य विकास परियोजनाओं (जैसे सड़क निर्माण, खनन आदि) के लिए काटे गए पेड़ों की भरपाई करना है। सरकार देश के वन क्षेत्र को बढ़ाने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, राज्यों को CAMPA फंड के बेहतर उपयोग और वनीकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।