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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब माँगा है, जिसमें देश में संगठित बाघ-शिकार का आरोप लगाया गया है। यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि यह भारत के राष्ट्रीय पशु, बाघों के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि संगठित शिकारी गिरोह बाघों की आबादी के लिए एक गंभीर खतरा हैं। उन्होंने एक व्यापक, स्वतंत्र और समन्वित जाँच की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह वन्यजीव संरक्षण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। कोर्ट ने कहा है कि अगर बाघों का अवैध शिकार जारी रहा, तो यह भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका होगा।