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चेन्नई, तमिलनाडु: चेन्नई में रेबीज के मामलों को नियंत्रित करने और पालतू कुत्तों के स्वामित्व को ट्रैक करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। 12,000 से अधिक कुत्तों को ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा माइक्रोचिप लगाया गया है। इस कदम को पशु कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के आयुक्त जे. कुमारगुरुबरन ने बताया कि यह पहल कुत्तों के मालिकों की पहचान करने में मदद करती है, खासकर उन मामलों में जहाँ पालतू कुत्तों को छोड़ दिया जाता है। माइक्रोचिप एक इलेक्ट्रॉनिक पहचान प्रदान करती है जिसे स्कैन करके मालिक का विवरण प्राप्त किया जा सकता है।
इस पहल से आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने और रेबीज के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।