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डीसी और वन विभाग ने संयुक्त आदेश में दी कठोर कार्रवाई की मांग
लातेहार में वन संरक्षण से जुड़ा गंभीर मसला प्रशासन के सामने आया है। सीसीएल के मगध–संगमित्रा क्षेत्र में जंगल भूमि पर साइडिंग निर्माण के आरोपों की पुष्टि हुई है। प्रशासन को जांच में पता चला कि करीब 6.95 हेक्टेयर क्षेत्र में काम हो रहा था। यह भूमि जंगल एवं झाड़ी की श्रेणी में आती है। ऐसे क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण वन अधिनियम के तहत अनुमति के बाद ही संभव है। लेकिन यहां अनुमतियाँ उपलब्ध नहीं थीं। डीसी ने इसे गंभीर मानते हुए त्वरित मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया। आदेश मिलने के बाद सीओ बालेश्वर राम ने विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कराया।
वन विभाग ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार का निर्माण पारिस्थितिकी और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियों पर प्रशासनिक कार्रवाई बेहद आवश्यक थी। सीओ ने थाना में दिए आवेदन में वन विभाग की लिखित आपत्ति भी संलग्न की। आवेदन में बताया गया कि साइडिंग निर्माण से जमीन की प्रकृति बदल सकती है। यह बदलाव भविष्य में बड़े पर्यावरणीय जोखिमों को जन्म दे सकता है। उन्होंने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही। पुलिस ने आवेदन प्राप्त होते ही प्राथमिकी दर्ज कर ली। इसमें दो वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि आगे की जांच वैज्ञानिक और तकनीकी दोनों स्तरों पर होगी। पुलिस स्थल निरीक्षण भी करेगी। निर्माण के दौरान उपयोग किए गए संसाधनों की भी जांच होगी। यदि पाया गया कि अनुमति के बिना निर्माण हुआ है तो दंडात्मक कार्रवाई अनिवार्य है। प्रशासन ने संकेत दिया है कि भविष्य में ऐसे मामलों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। वन विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट में निवारक कदम का सुझाव दिया है। समाज के अन्य वर्गों ने भी पर्यावरण संरक्षण की मांग की है। फिलहाल पूरा प्रशासनिक तंत्र इस मामले पर गंभीरता से काम कर रहा है।