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विशेषज्ञ बोले- और भी बहुत कुछ करने की जरूरत
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने जून माह के दौरान एक विशेष अभियान चलाकर मानव तस्करी से 295 बच्चों को सफलतापूर्वक बचाया है। यह एक सराहनीय प्रयास है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई में अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
NCPCR द्वारा चलाए गए इस विशेष अभियान के दौरान, बाल अधिकारों से संबंधित 6,000 से अधिक लंबे समय से लंबित मामलों का भी निपटारा किया गया है। यह दर्शाता है कि आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को संबोधित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। बच्चों को बचाना और उनके लंबित मामलों को सुलझाना एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन बाल तस्करी के गहरे बैठे नेटवर्क को तोड़ने के लिए लगातार और व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तस्करी एक संगठित अपराध है और इससे निपटने के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय, मजबूत कानून प्रवर्तन और जागरूकता अभियान जैसे बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। केवल बचाव अभियान ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि बचाए गए बच्चों का पुनर्वास हो और वे फिर से ऐसी स्थितियों में न फंसें। साथ ही, तस्करी के मूल कारणों, जैसे गरीबी और शिक्षा की कमी, पर भी ध्यान देना होगा।