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इस साल NEET-UG परीक्षा का आयोजन 4 मई को किया जाएगा।
इस बार परीक्षा के पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो छात्रों के स्कोर पर असर डाल सकते हैं।
सबसे बड़ा बदलाव प्रश्न पत्र में विकल्प आधारित प्रणाली का समाप्त होना है।
पिछले पैटर्न में प्रत्येक विषय के दो भाग होते थे—भाग A और भाग B।
भाग A में 35 प्रश्न होते थे, जबकि भाग B में 15 प्रश्नों में से केवल 10 हल करने का विकल्प दिया जाता था।
कोविड-19 महामारी के दौरान यह व्यवस्था लागू की गई थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
अब छात्रों को प्रत्येक प्रश्न हल करना अनिवार्य होगा, जिससे गलती होने और नेगेटिव मार्किंग का खतरा बढ़ जाएगा।
इस बार कुल प्रश्नों की संख्या घटाकर 180 कर दी गई है, जो पहले 200 हुआ करती थी।
भौतिकी (Physics) और रसायन विज्ञान (Chemistry) के 45-45 प्रश्न होंगे।
वनस्पति विज्ञान (Botany) और प्राणी विज्ञान (Zoology) को मिलाकर 90 प्रश्न पूछे जाएंगे।
इसके अलावा परीक्षा का समय भी घटाकर 3 घंटे कर दिया गया है, जो पहले 3 घंटे 20 मिनट था।
इसका अर्थ है कि छात्रों को हर प्रश्न के लिए औसतन एक मिनट मिलेगा।
शिक्षा विशेषज्ञ देव शर्मा के अनुसार, समय की कमी के चलते छात्रों पर दबाव बढ़ सकता है।
इसके चलते इस वर्ष कट-ऑफ अंक में कमी होने की संभावना जताई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पहले की तुलना में परफेक्ट स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आ सकती है।
हालांकि कुछ प्रतिभाशाली छात्र सभी प्रश्न सही हल कर सकते हैं।
बदलावों के चलते छात्र अपनी रणनीति में बदलाव करके बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
शिक्षकों ने छात्रों को प्रश्नों का सही विश्लेषण करने और समय प्रबंधन पर ध्यान देने की सलाह दी है।
NEET-UG 2025 की परीक्षा में सफलता के लिए छात्रों को इन नए बदलावों के अनुसार खुद को तैयार करना जरूरी होगा।