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महाराष्ट्र के खारपी गांव में एक विदर्भ के किसान ने कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है, जहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित स्मार्ट खेती संतरे की फसल को और मीठा बना रही है। यह देश में इस तकनीक का पहला प्रयोग है, जिसने कृषि के भविष्य के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रयोग सिर्फ 15 मिनट के भीतर संतरे की गुणवत्ता और मिठास में सुधार करने में सक्षम है, जिससे किसानों को बेहतर उपज और अधिक आय प्राप्त हो रही है। एआई-आधारित यह प्रणाली मिट्टी की नमी, पोषक तत्वों की स्थिति और पौधों के स्वास्थ्य सहित विभिन्न मापदंडों का विश्लेषण करती है, और फिर सटीक जानकारी प्रदान करती है कि पौधों को कब और कितना पानी या उर्वरक चाहिए। इससे संसाधनों का अनुकूलन होता है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
इस तकनीक के सफल कार्यान्वयन से पता चलता है कि कैसे आधुनिक प्रौद्योगिकी पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। यह पहल न केवल महाराष्ट्र के किसानों के लिए, बल्कि पूरे देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा है कि वे एआई और स्मार्ट खेती को अपनाकर अपनी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ा सकें।