
मुख्य बिंदु:
22 फरवरी को सुरंग की छत गिरने से आठ मजदूर अंदर फंस गए थे।
बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है, अधिक कर्मचारी और मशीनरी तैनात की गई है।
मलबा हटाने के लिए क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट को सोमवार तक दुरुस्त करने की योजना।
शनिवार को बचाव दल को चार मजदूरों की लोकेशन का सुराग मिला।
नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिकों ने ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल किया।
इस तकनीक से सुरंग के अंदर कुछ असामान्य हलचल का संकेत मिला, जिससे राहत दल को मदद मिली।
बचाव कार्य के दौरान सिल्ट हटाने और पानी निकालने की प्रक्रिया जारी है।
फंसे मजदूरों की पहचान की गई: मनोज कुमार (यूपी), श्री निवास (यूपी), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब), संदीप साहू (झारखंड), जगता सेक्स (झारखंड), संतोष साहू (झारखंड) और अनुज साहू (झारखंड)।
बचाव दल ने मजदूरों तक ऑक्सीजन और भोजन पहुंचाने का प्रयास किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि बचाव कार्य में अब अंतिम चरण की ओर बढ़ रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
परिवार के लोग घटनास्थल के पास जमा होकर मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने की दुआ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
सरकार ने सभी प्रभावित मजदूरों के परिवारों को मदद देने का आश्वासन दिया है।
बचाव कार्य में रोबोटिक उपकरणों और ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है।
स्थानीय निवासियों ने राहत कर्मियों की मदद के लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया।
संभावना जताई जा रही है कि सोमवार तक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
बचाव अभियान में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन अधिकारी जल्द सफलता की उम्मीद कर रहे हैं।