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होली के रंगों में सराबोर हुई काशी, गंगा घाटों से गलियों तक मचा धमाल.

वाराणसी: पावन नगरी काशी में होली का रंग इस साल कुछ खास ही नजर आया। बाबा विश्वनाथ की नगरी में होली का उत्साह गंगा घाटों से लेकर संकरी गलियों तक देखने को मिला। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। होली के इस रंगीन माहौल में पूरा शहर बम-बम के जयघोष से गूंज उठा।

सुबह से ही काशी के गंगा घाटों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट और मणिकर्णिका घाट पर लोग रंग-गुलाल लेकर पहुंचे और एक-दूसरे को रंगते हुए बधाइयां दीं। घाटों पर भक्ति संगीत की धुन पर लोग झूमते नजर आए। गंगा आरती के दौरान घाटों पर रंग-बिरंगे गुलाल की वर्षा ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

काशी की प्रसिद्ध गलियों में भी होली की धूम देखने लायक थी। ठंडाई, गुजिया और अन्य पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू से गलियां महक रही थीं। लोग ढोल-मंजीरों की धुन पर थिरक रहे थे। कई स्थानों पर काशीवासियों ने फूलों की होली खेली। हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।

विदेशी पर्यटक भी इस उत्सव का हिस्सा बने। वाराणसी घूमने आए कई विदेशी सैलानियों ने भारतीय परंपरा के अनुसार होली खेली और इसे अपने जीवन का सबसे यादगार अनुभव बताया। एक अमेरिकी पर्यटक जॉन ने कहा, “काशी की होली का अनुभव शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यहां के रंग और लोगों का प्यार अविस्मरणीय है।”

प्रशासन ने भी होली के मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया था। ड्रोन और सीसीटीवी के जरिए भीड़ पर नजर रखी गई। जिलाधिकारी ने बताया कि काशी में होली का पर्व शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हुआ।

काशी की इस रंगीन होली ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यहां की संस्कृति और परंपरा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है। बाबा विश्वनाथ की नगरी में होली के रंगों में डूबे लोगों ने प्रेम और एकता का संदेश दिया।

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