
उन्होंने यह बातें बजट के बाद एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) क्षेत्र पर आयोजित वेबिनार में कहीं।
मुख्य बिंदु:
भारत ने सुधारों और वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता दी है।
एमएसएमई क्षेत्र देश की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभा रहा है।
आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ाया गया है।
कोविड के प्रभाव को कम करने में सरकार के प्रयास सफल रहे।
वेबिनार में सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज और व्यापार विशेषज्ञ शामिल हुए।
भारत की औद्योगिक, व्यापार और ऊर्जा रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रधानमंत्री ने एमएसएमई को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया।
भारत वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
विश्व के कई देश भारत के साथ आर्थिक साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
एमएसएमई क्षेत्र को सहूलियत देने के लिए सरकार कई योजनाएं लागू कर रही है।
नई नीतियों से छोटे और मध्यम व्यापारियों को मजबूती मिलेगी।
डिजिटल लेनदेन और पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सरकार ने एमएसएमई के लिए वित्तीय सहायता को भी बढ़ाया है।
रोजगार बढ़ाने में भी एमएसएमई का योगदान अहम है।
बजट में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को और गति देने पर काम कर रही है।
एमएसएमई सेक्टर को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने उद्योगों से सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।