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दुनिया में समुद्री बर्फ का स्तर फरवरी में रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंचा.

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन का असर तेजी से दिख रहा है।

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2024 में समुद्री बर्फ का स्तर रिकॉर्ड न्यूनतम पर पहुंच गया।

मुख्य बिंदु:

  1. फरवरी 2024 में समुद्री बर्फ का स्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर रहा।
  2. कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने इस पर चिंता जताई।
  3. फरवरी 2024 दुनिया का तीसरा सबसे गर्म फरवरी महीना रहा।
  4. अंटार्कटिका और आर्कटिक में बर्फ का तेजी से पिघलना जारी।
  5. ग्लोबल वार्मिंग समुद्री बर्फ की कमी का प्रमुख कारण।
  6. बर्फ पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ने की आशंका।
  7. समुद्री जीवन और जलवायु संतुलन पर बुरा असर।
  8. 2023 और 2024 में लगातार तापमान बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  9. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से जलवायु संकट और गंभीर हो रहा है।
  10. वैज्ञानिकों ने इस प्रवृत्ति को “चिंताजनक संकेत” बताया।
  11. अंटार्कटिका में समुद्री बर्फ का स्तर ऐतिहासिक रूप से कम।
  12. जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम जरूरी।
  13. ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने से पर्यावरण को बड़ा खतरा।
  14. समुद्री तापमान में वृद्धि से चक्रवात और तूफानों का खतरा बढ़ा।
  15. संयुक्त राष्ट्र ने इसे “गंभीर जलवायु चेतावनी” कहा।
  16. बढ़ते तापमान से प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) को नुकसान।
  17. विशेषज्ञों ने कार्बन उत्सर्जन कम करने पर दिया जोर।
  18. विश्व स्तर पर सरकारें जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीति बना रही हैं।
  19. पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों में तापमान वृद्धि चिंताजनक स्तर पर।
  20. जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए जागरूकता जरूरी।

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