
उन्होंने इस मुद्दे पर सिंगूर-नंदीग्राम भूमि आंदोलन की तर्ज पर बड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी।
राज्यपाल से मिले बीजेपी सांसद
राजू बिस्ता ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात कर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि इस फैसले के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई विभागों को पत्र भेजे गए हैं।
“सिंगूर-नंदीग्राम से भी बड़ा मामला”
राजू बिस्ता ने कहा, “सिंगूर-नंदीग्राम में 1000 एकड़ भूमि का मुद्दा था, लेकिन यहां एक लाख एकड़ से अधिक भूमि का मामला है। अगर मुख्यमंत्री दार्जिलिंग और चाय बागानों के लोगों के खिलाफ जाकर यह फैसला लागू करती हैं, तो इसके परिणामों की जिम्मेदारी उनकी होगी।”
दार्जिलिंग में बड़े आंदोलन की तैयारी
उन्होंने कहा कि चाय बागान मजदूरों और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सरकार के इस फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
ममता सरकार के फैसले पर बढ़ता विवाद
चाय बागान की जमीन का औद्योगिक और व्यावसायिक इस्तेमाल किए जाने के इस फैसले पर विपक्षी दलों और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।