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फसल नुकसान के लिए जिम्मेदार सीमित मौसम अपडेट: विशेषज्ञों ने जीकेएमएस सिस्टम के विस्तार का सुझाव दिया.

देशभर में 700 से अधिक जिलों के लिए मौसम संबंधी जानकारी देने वाले केवल 130 कृषि मौसम विज्ञान क्षेत्र इकाइयाँ ही काम कर रही हैं।

इन इकाइयों को विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) और आईआईटी में 127 कृषि जलवायु क्षेत्रों में फैलाया गया है।

किसानों को सीमित मौसम अपडेट मिलने के कारण फसल नुकसान की समस्या बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कृषि मौसम विज्ञान मॉड्यूल सिस्टम (जीकेएमएस) का विस्तार किया जाए तो किसानों को समय पर सटीक मौसम संबंधी जानकारी मिल सकेगी और वे अपनी फसलों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकेंगे।

जीकेएमएस सिस्टम किसानों को फसल के लिए अनुकूल मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस जानकारी के आधार पर किसान फसल बोने का सही समय, सिंचाई, खाद का उपयोग और कीटनाशकों का छिड़काव जैसी गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर कृषि क्षेत्र में मौसम की जानकारी के महत्व को उजागर करती है। यह दिखाती है कि कैसे सीमित मौसम जानकारी किसानों को नुकसान पहुंचा रही है। यह खबर सरकार को कृषि मौसम विज्ञान मॉड्यूल सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करती है।

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