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तेलंगाना में साइबर अपराधों में भारी उछाल: पीड़ित कौन हैं? कंबोडिया में रहने वाले चीनी नागरिकों की भूमिका सामने आई.

इन अपराधों के कारण पीड़ितों को कुल 1,866.90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन साइबर अपराधों के पीछे कंबोडिया में रहने वाले चीनी नागरिकों का हाथ है। ये लोग भारतीय युवाओं को नौकरी के झांसे में फंसाकर कंबोडिया ले जाते हैं और वहां उन्हें साइबर अपराधों में शामिल होने के लिए मजबूर करते हैं।

तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है और कई पीड़ितों को कंबोडिया से वापस लाया है।

यह साइबर अपराध कैसे होता है?

कंबोडिया में रहने वाले चीनी नागरिक भारतीय युवाओं को सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से नौकरी के झांसे में फंसाते हैं।

इन युवाओं को विदेश में ले जाया जाता है और उन्हें साइबर अपराधों में प्रशिक्षित किया जाता है।

इन युवाओं को भारतीय नागरिकों को ठगने के लिए फोन कॉल किए जाते हैं।

इन अपराधों में ठगी, पहचान चोरी, और ऑनलाइन धोखाधड़ी शामिल हैं।

इस समस्या से कैसे निपटा जा रहा है?

तेलंगाना पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ विशेष अभियान चला रखा है।

पुलिस लोगों को साइबर अपराधों से सावधान रहने के लिए जागरूक कर रही है।

आप साइबर अपराधों से कैसे बच सकते हैं?

ईमेल या एसएमएस के जरिए भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें।

अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी भी अजनबी के साथ साझा न करें।

अपने बैंक खाते की जानकारी सुरक्षित रखें।

अपने कंप्यूटर और मोबाइल को हमेशा अपडेट रखें।

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