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बीआरएस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग.
बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) ने कांग्रेस के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं।

इन याचिकाओं में उन 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है, जो बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
याचिका में कहा गया है कि इन विधायकों के खिलाफ शिकायत किए हुए नौ महीने बीत चुके हैं, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं
- स्पेशल लीव पिटीशन (SLP): कडियाम श्रीहरी, तेल्लम वेंकट राव और दानम नागेंद्र के खिलाफ दाखिल।
- रिट पिटीशन: बाकी सात विधायकों के खिलाफ दाखिल।
हाईकोर्ट का निर्देश
सितंबर 2024 में हाईकोर्ट ने स्पीकर को निर्देश दिया था कि वह इन विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लें। लेकिन, छह महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विधायकों पर आरोप
- कडियाम श्रीहरी (स्टेशन गणपुर), तेल्लम वेंकट राव (भद्राचलम), दानम नागेंद्र (खैरताबाद): बीआरएस से जीतकर कांग्रेस में शामिल हुए।
- अन्य सात विधायक: बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।
बीआरएस का दावा
बीआरएस नेताओं पादी कौशिक रेड्डी और विवेकानंद ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है। पार्टी का कहना है कि इन विधायकों की दल-बदल कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
मामला सुप्रीम कोर्ट में
बीआरएस ने अदालत से अपील की है कि वह अध्यक्ष को जल्द से जल्द निर्णय लेने का निर्देश दें।
महत्वपूर्ण जानकारी
- बीआरएस विधायकों का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका है।
- यह मामला राजनीतिक और संवैधानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।