
हालांकि, बीजेपी ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि यह मुद्दा केवल कैग रिपोर्ट से ध्यान भटकाने के लिए उठाया गया है।
दिल्ली बीजेपी ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि सीएम ऑफिस में महात्मा गांधी, अंबेडकर, भगत सिंह, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीरें मौजूद हैं।
गौरतलब है कि 2022 में अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिया था कि सरकारी कार्यालयों में सिर्फ अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें लगाई जाएंगी।
दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अतिशी ने इस मुद्दे को सदन में उठाया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा को एक ऐसी पार्टी चला रही है जो दलित और सिख विरोधी है।
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाकर पार्टी ने दलित और सिख समुदाय का अपमान किया है।
इस मुद्दे को लेकर AAP ने विधानसभा के अंदर और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिशी ने आईपैड पर सीएम ऑफिस की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि आज हमारे विधायक मिलने गए थे और वहां तस्वीरें नहीं थीं।
उन्होंने बीजेपी पर दलित और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया।
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से लाखों अंबेडकर समर्थकों की भावनाएं आहत हुई हैं।
बीजेपी नेताओं ने जवाब में कहा कि AAP ध्यान भटकाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है।
बीजेपी ने स्पष्ट किया कि कैग रिपोर्ट में AAP सरकार के भ्रष्टाचार का खुलासा होने वाला है, इसलिए यह विवाद खड़ा किया जा रहा है।
विधानसभा में इस मुद्दे पर AAP और बीजेपी विधायकों के बीच तीखी बहस हुई।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि वह सदन को अनुशासन के साथ चलाएंगी और सभी विधायकों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करने की अपील की।
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
AAP ने आरोप लगाया कि यह फैसला बीजेपी की विचारधारा को दर्शाता है।
हालांकि, बीजेपी ने कहा कि AAP सिर्फ सियासी लाभ के लिए यह मुद्दा उछाल रही है।
अब देखना होगा कि विधानसभा और सड़क पर इस विवाद को लेकर आगे क्या रुख अपनाया जाता है।