
मंगलवार रात उन्हें जोधपुर के अस्पताल से रिहा किया गया, जहां वे जेल की हिरासत में इलाज करा रहे थे।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद असाराम के वकीलों ने तुरंत कार्रवाई की और उनकी रिहाई सुनिश्चित की। रिहाई के बाद, असाराम जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम पहुंचे, जहां भक्तों ने उनका स्वागत किया। आश्रम के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाई गई थी।
जमानत के दौरान, असाराम को तीन गार्ड्स की सुरक्षा दी गई है। कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिए हैं कि वे अपने अनुयायियों से संपर्क नहीं करेंगे, मीडिया से दूर रहेंगे और इलाज के बाद 31 मार्च 2025 तक जोधपुर सेंट्रल जेल वापस लौटेंगे।
असाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य आधार पर सशर्त जमानत मिली थी। उन्होंने 11 साल और 7 महीने जेल में बिताए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह जमानत सिर्फ उनके इलाज के लिए दी गई है और इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
असाराम 2013 के मामले में दोषी पाए गए थे, जिसमें उन्होंने एक नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण किया था। यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बना था और उनके अनुयायियों पर भी कई बार विवादों में रहने के आरोप लगे हैं।