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जैसलमेर: अपनी गर्दन के चारों ओर इन्सास राइफलें लटकाए और जैतून हरे रंग के कपड़े पहने, वे अरबों की उम्मीदों का वजन उठाते हैं, दुश्मन की गोलियों से सीमा को सुरक्षित करते हैं।

युद्ध के लिए अजनबी नहीं, ये बीएसएफ महिलाएं 50 डिग्री सेल्सियस के चिलचिलाती गर्मी में सीमा के दूसरी ओर से घुसपैठ करने वाले दुश्मनों के लिए घातक हो सकती हैं।

राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 24 घंटे की ड्यूटी कई खतरों से भरी है, लेकिन बीएसएफ की महिला सैनिक धूप या बारिश में दुश्मन के गलियारों में लड़ाई लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं, रेगिस्तानी तूफान कभी-कभी दृष्टि धुंधली होने का खतरा पैदा करते हैं, खासकर जब घुसपैठिए कुछ भयावह प्रयास करते हैं।

यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?

यह खबर हमें बताती है कि भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में महिला सैनिक कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह खबर हमें यह भी बताती है कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं और देश की सुरक्षा में योगदान दे रही हैं।

मुख्य बातें:

बीएसएफ की महिला सैनिक भारत-पाकिस्तान सीमा पर 24 घंटे ड्यूटी करती हैं।
वे 50 डिग्री सेल्सियस की चिलचिलाती गर्मी में भी सीमा की सुरक्षा करती हैं।
वे दुश्मन के घुसपैठ को रोकने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।
वे रेगिस्तानी तूफानों और अन्य खतरों का सामना करती हैं।
यह खबर हमें क्या बताती है?

यह खबर हमें बताती है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर हैं। यह खबर हमें यह भी बताती है कि महिलाएं देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

हमें क्या करना चाहिए?

हमें बीएसएफ की महिला सैनिकों के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।
हमें महिलाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
हमें महिलाओं को समान अवसर देने चाहिए।

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