भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि वह यूनियन कार्बाइड संयंत्र में जहरीले कचरे के निपटान के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
दिसंबर 2024 में, उच्च न्यायालय ने भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से कचरे को धार जिले के पीथमपुर में स्थानांतरित करके निपटान करने का आदेश दिया था।

“मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुना है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं करेगा क्योंकि उच्च न्यायालय इसकी ठीक से निगरानी कर रहा है। हमें इस विवादास्पद आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है,” शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जहरीले कचरे के सुरक्षित निपटान के बारे में जानकारी देती है। यह खबर पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी उजागर करती है।
मुख्य बातें:
- सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड संयंत्र के कचरे के निपटान के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया।
- उच्च न्यायालय ने कचरे को पीथमपुर में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय मामले की ठीक से निगरानी कर रहा है।
यह खबर हमें क्या बताती है?
यह खबर हमें बताती है कि सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करता है। यह खबर हमें यह भी बताती है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया जारी है।
हमें क्या करना चाहिए?
हमें पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक होना चाहिए। हमें भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करनी चाहिए।