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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ में छात्रों को दिए सफलता के टिप्स.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'परीक्षा पे चर्चा' के आठवें संस्करण में देशभर के छात्रों के साथ संवाद किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा के दबाव, समय प्रबंधन, और पोषण जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की।

उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि ज्ञान और परीक्षा को एक जैसा नहीं समझना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं को जीवन का आखिरी लक्ष्य नहीं मानना चाहिए। उन्होंने बच्चों को खुला वातावरण देने और उनके रुचियों को तलाशने का मौका देने की बात कही।

परीक्षा को डर नहीं, उत्सव मानें

मोदी ने कहा कि परीक्षा को एक उत्सव की तरह लेना चाहिए और दबाव मुक्त होकर अपनी तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को समय का सही इस्तेमाल करने और योजना बनाकर पढ़ाई करने की सलाह दी।

माता-पिता को भी दी सलाह

प्रधानमंत्री ने माता-पिता से बच्चों की तुलना न करने और उन्हें अपना शोपीस की तरह पेश न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनका सपना जीने दें और हमेशा उनका साथ दें।

छात्रों के सवालों का जवाब

छात्रों ने प्रधानमंत्री से कई सवाल पूछे। इनमें दबाव से निपटने के तरीके, सकारात्मक सोच और नेतृत्व कौशल जैसे विषय शामिल थे। प्रधानमंत्री ने छात्रों को मौके का आनंद लेने और जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखने की प्रेरणा दी।

समय प्रबंधन पर जोर

मोदी ने कहा, “जो अपने समय को काबू में रखता है, वह जीवन पर भी नियंत्रण पा लेता है।” उन्होंने छात्रों को कार्य की प्राथमिकता तय करने और समय का सही उपयोग करने पर जोर दिया।

संवाद का नया अंदाज

इस बार पारंपरिक टाउनहॉल के बजाय प्रधानमंत्री ने दिल्ली के सुंदर नर्सरी में लगभग 35 छात्रों के साथ अनौपचारिक बातचीत की। इस नए फ्रीव्हीलिंग फॉर्मेट में उन्होंने छात्रों के साथ खुले और गहरे मुद्दों पर चर्चा की।

जीवन में सकारात्मक सोच रखें

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर स्थिति में कुछ न कुछ सकारात्मक जरूर होता है। हमें अपने अवसरों को पहचानना चाहिए और उनका लाभ उठाना चाहिए।

पोषण और स्वास्थ्य पर भी चर्चा

मोदी ने छात्रों को संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “तंदुरुस्त शरीर में ही तंदुरुस्त दिमाग रहता है।”

छात्रों ने सराहा

छात्रों ने इस खुले संवाद की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री से सीधे संवाद करने से उन्हें नई प्रेरणा मिली।

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