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चाईबासा : गुलिकेरा गांव की टुकनी लोंमगा की कहानी झारखंड के ग्रामीण समाज में फैले अंधविश्वास का एक और दुखद उदाहरण बन गई है। 70 वर्ष की उम्र में वह अपने खेतों में मेहनत कर जीवनयापन कर रही थीं, लेकिन गांव के एक व्यक्ति की गलत धारणा ने उनकी जान ले ली।
उनकी बेटी पुतली ने अपनी आंखों के सामने मां को पत्थर से पिटते देखा और किसी तरह जान बचाकर भाग निकली। अब वह भी लापता है। पूरा परिवार इस दर्दनाक घटना से टूट गया है।
गांव में मातम का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को सुरक्षा और मुआवजे की मांग की है। सामाजिक संगठनों ने कहा कि अब समय आ गया है जब शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ऐसे अंधविश्वास को खत्म किया जाए।