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बीजापुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रिय माओवादी डिविजनल कमेटी ने आत्मसमर्पण करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक पर्चा (Pamphlet) जारी किया है। इस घोषणा को क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह फैसला हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की उनकी मंशा को दर्शाता है।
माओवादी डिविजन द्वारा जारी किए गए पर्चे में साफ तौर पर कहा गया है कि इस डिवीजन के तहत आने वाले सभी कैडर 15 अक्टूबर को आत्मसमर्पण करेंगे। यह कदम नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में विकास और विश्वास बहाली के लिए बढ़ते सरकारी प्रयासों का परिणाम हो सकता है। सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति ने संभवतः उन्हें हिंसा छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) जितेंद्र कुमार यादव ने मुख्यधारा में लौटने के उनके इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को सरकारी नीतियों के तहत सभी लाभ और सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन ने आत्मसमर्पण प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए आवश्यक इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। इस घटना को सुरक्षाबलों की रणनीति और स्थानीय संपर्क की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि यह आत्मसमर्पण अन्य भटके हुए युवाओं को भी शांति का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।