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लाल से नीली श्रेणी तक—हर उद्योग के प्रदूषण स्तर का होगा मूल्यांकन
रांची : औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक नई प्रणाली को लागू किया है, जिसमें सभी उद्योगों को प्रदूषण सूचकांक आधारित श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। यह सूचकांक जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण और अपशिष्ट प्रबंधन के आधार पर तैयार किया जाता है।
नई प्रणाली के तहत लाल श्रेणी में अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग शामिल होंगे, जिन पर निगरानी सख्त होगी। नारंगी और हरी श्रेणियों में क्रमशः मध्यम और कम प्रदूषण वाले उद्योग रखे जाएंगे। सफेद श्रेणी में ऐसे उद्योग होंगे जिन्हें पर्यावरणीय अनुमति की आवश्यकता न्यूनतम होगी।
इस बार एक नई ‘नीली श्रेणी’ भी जोड़ी गई है, जो घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी पर्यावरणीय सेवाओं के लिए निर्धारित है। नीली श्रेणी के उद्योगों को संचालन की सहमति दो वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिए दी जाएगी। 403 क्षेत्रों के नए वर्गीकरण के बाद देश में औद्योगिक प्रदूषण प्रबंधन और व्यापक होगा।