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जम्मू, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश में शीर्ष इंजीनियरों की भारी कमी है। यह कमी परियोजनाओं की गति को धीमा कर रही है और विकास कार्यों को बाधित कर रही है, जिससे स्थानीय आबादी को भी परेशानी हो रही है।
अधिकारियों के अनुसार, मुख्य अभियंता (Chief Engineers) के 11 स्वीकृत पदों में से 8 पद खाली पड़े हैं। यह स्थिति विभाग को लगभग पंगु बना रही है, क्योंकि महत्वपूर्ण परियोजनाओं की निगरानी और उनके निष्पादन के लिए पर्याप्त नेतृत्व उपलब्ध नहीं है। खाली पड़े पदों के कारण, शेष इंजीनियरों को अतिरिक्त प्रभार (additional charge) दिया गया है, जिससे विभाग का काम धीमी गति से चल रहा है। अतिरिक्त प्रभार वाले अधिकारी अक्सर अपने मूल कर्तव्यों के साथ-साथ कई अन्य जिम्मेदारियों को निभाने में संघर्ष करते हैं, जिससे दक्षता प्रभावित होती है।
शीर्ष इंजीनियरिंग नेतृत्व की यह कमी सड़क निर्माण, पुलों, बिजली परियोजनाओं और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को सीधे प्रभावित कर रही है, जो जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। सरकार को इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल करना होगा और इन महत्वपूर्ण पदों पर योग्य इंजीनियरों की नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी ताकि क्षेत्र में विकास की गति को बनाए रखा जा सके।