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व्यापारी ने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसे व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ा और निवेश पर भारी रिटर्न का वादा किया, जिस पर उसने विश्वास कर लिया।
पीड़ित व्यापारी, जो [काल्पनिक शहर का नाम] का रहने वाला है, ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि उसे विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ा गया था, जहां कथित तौर पर निवेश योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की जाती थी। इन ग्रुपों के प्रशासकों और अन्य सदस्यों ने उसे आकर्षक रिटर्न का लालच दिया।
व्यापारी ने शुरुआत में कुछ छोटी रकमों का निवेश किया, जिस पर उसे वादा के अनुसार कुछ लाभ भी मिला। इससे उसका विश्वास ठगों पर और बढ़ गया। इसके बाद, उसने धीरे-धीरे बड़ी मात्रा में धन निवेश करना शुरू कर दिया, जिसकी कुल राशि एक करोड़ रुपये से अधिक हो गई।
जब व्यापारी ने अपनी निवेशित राशि को वापस निकालने की कोशिश की, तो उसे पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया है। न तो उसे अपना पैसा वापस मिला और न ही वह उन लोगों से संपर्क कर सका जिन्होंने उसे निवेश के लिए प्रेरित किया था।
पीड़ित ने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस उन व्हाट्सएप ग्रुपों और बैंक खातों की जानकारी जुटा रही है, जिनमें व्यापारी ने पैसे ट्रांसफर किए थे।
साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से दिए जाने वाले आकर्षक निवेश प्रस्तावों पर आसानी से भरोसा न करें। किसी भी निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें।
यह घटना उत्तराखंड में बढ़ते साइबर अपराधों का एक और उदाहरण है, जहां ठग लोगों को ऑनलाइन माध्यमों से धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं। पुलिस लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की सलाह दे रही है।