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नेताओं और आम लोगों ने मिलकर आदिवासी नायक को याद किया
रांची के कोकर स्थित समाधि स्थल पर आज भावनाओं का अनोखा दृश्य देखने को मिला। सुबह से ही लोग अपने महानायक को श्रद्धा देने पहुंचे थे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी भावुक दिखाई दिए। राज्यपाल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए समाज के संघर्षों को याद किया। बिरसा मुंडा की अमर गाथा हर व्यक्ति के मन में बसती है। लोग उन्हें धरती का सच्चा रक्षक मानते हैं। उनके त्याग ने लोगों को नई पहचान दी। कई लोग आँसू भरकर उन्हें याद कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका जीवन आज भी प्रेरणा देता है। उनकी तस्वीर देखकर लोग गर्व महसूस कर रहे थे। कार्यक्रम में आदिवासी परंपराओं की महक भी दिखाई दी। कई महिलाओं ने पारंपरिक पहनावा पहना था। बच्चे बिरसा मुंडा के गीत पढ़ रहे थे। बुजुर्ग उनके संघर्ष की कहानियाँ सुना रहे थे। कार्यक्रम पूरी तरह श्रद्धा के माहौल में था। नेता भी आम लोगों के साथ खड़े दिखाई दिए। हेमंत सोरेन की पोस्ट पर भी हजारों प्रतिक्रियाएँ आईं। लोग कह रहे थे कि धरती आबा हमेशा दिलों में रहेंगे।
परिवारों ने भी कहा कि संस्कृति की रक्षा सबसे जरूरी है। सीएम ने बताया कि सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की बड़ी मुहिम चल रही है। युवाओं के लिए अवसर भी बढ़ाए जा रहे हैं। आदिवासी भाषा और कला के संरक्षण की कोशिश जारी है। जयंती के अवसर पर कई आयोजन हुए। लोगों ने एकता और सम्मान को सबसे बड़ा संदेश माना। कार्यक्रम के बाद भी भावनाएँ देर तक बनी रहीं। यह दिन लोगों के लिए यादगार बन गया।