
Liquidation
किसी व्यवसाय या कंपनी का परिसमापन का मतलब है उस कंपनी का बंद करना और उसकी सभी संपत्तियों का उपयोग करके कर्ज चुकाना। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी कंपनी का वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वह अपना कर्ज चुकाने के लिए अपनी संपत्तियों का बेचने का फैसला करती है। परिसमापन आमतौर पर दिवालियापन या वित्तीय संकट के कारण किया जाता है, लेकिन कभी-कभी कंपनी अपनी योजना के तहत स्वेच्छा से भी इस कदम को उठाती है।
परिसमापन का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि कंपनी के सभी कर्जों का निपटारा किया जा सके और इसके बाद कंपनी को कानूनी रूप से बंद किया जा सके। इस प्रक्रिया में, कंपनी की सभी संपत्तियों को बेचा जाता है और जो भी धन प्राप्त होता है, उसे कंपनी के कर्जदारों के बीच वितरित किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद, यदि कोई धन बचता है, तो उसे कंपनी के मालिकों या शेयरधारकों को वितरित किया जा सकता है।
परिसमापन के दौरान, एक नियुक्त अधिवक्ता या प्रशासक कंपनी के कर्जों को चुकाने और सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य करता है। यह प्रक्रिया सरल नहीं होती और इसमें कानूनी पेचीदगियाँ शामिल हो सकती हैं, विशेष रूप से जब कर्जदारों का भुगतान न हो पाने की स्थिति हो।
किसी कंपनी का परिसमापन एक कठिन और संवेदनशील प्रक्रिया हो सकती है, क्योंकि इससे कर्मचारियों की नौकरियां, निवेशकों के पैसे और बाजार में कंपनी की स्थिति प्रभावित होती है। ऐसे में यह कदम आखिरी उपाय के रूप में लिया जाता है, जब कंपनी के पास अपने कर्ज चुकाने या व्यवसाय को पुनः चालू करने का कोई अन्य रास्ता नहीं बचता।