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दिग्गजों ने सांसदों को दिया ज्ञापन
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग तेज हो गई है। पूर्व सिविल सेवकों और सैन्य दिग्गजों के एक समूह ने इस संबंध में सांसदों को एक याचिका सौंपी है, जिसमें वे जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश से फिर से राज्य का दर्जा देने की वकालत कर रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 1 और 3 में एक खंड जोड़ने का प्रस्ताव किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी मौजूदा राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला जा सकता। उनका तर्क है कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना एक गलत precedent स्थापित करता है और यह संघीय ढांचे के सिद्धांतों के खिलाफ है। याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को पूरा करने और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना आवश्यक है।
इस पहल का उद्देश्य संसद में इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा शुरू करना और सभी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करना है। पूर्व अधिकारियों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने और स्थानीय स्वशासन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा महत्वपूर्ण है। यह देखना होगा कि इस याचिका पर संसद में क्या प्रतिक्रिया मिलती है और क्या सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाती है।