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लेकिन एक भी महिला थाना नहीं
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में देश की राजधानी दिल्ली शीर्ष पर है। यह आँकड़ा बेहद चिंताजनक है, खासकर जब यह पता चलता है कि इतने गंभीर हालात के बावजूद दिल्ली में एक भी विशेष महिला थाना नहीं है। यह स्थिति महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावों पर सवाल उठाती है।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में दिल्ली की यह खराब रैंकिंग कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती है। इन अपराधों में छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, बलात्कार और घरेलू हिंसा शामिल हैं। पुलिस और प्रशासन पर इन मामलों को गंभीरता से लेने का दबाव है, लेकिन महिला थानों की अनुपस्थिति से यह प्रतीत होता है कि इस दिशा में पर्याप्त प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि महिला थाने महिलाओं को बिना किसी डर के अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल प्रदान करते हैं। यह महिलाओं को न्याय दिलाने में मदद करता है। सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाना चाहिए और दिल्ली में महिला थानों की स्थापना करनी चाहिए।