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वित्त विभाग ने समयसीमा बांधी, योजनाओं के हिस्सेदारी अनुशासन पर जोर
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार कई वित्तीय सुधारों के साथ शुरू होने जा रहा है। विभागों को भेजे गए पत्र में वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि बजट का हर प्रावधान समय पर और तथ्यपूर्ण होना चाहिए। अनुपूरक बजट के लिए आठ दिसंबर की तारीख तय होने के साथ विभागों की जिम्मेदारी और बढ़ गई है। यह भी कहा गया है कि प्रस्तावों को समय पर भेजना अत्यंत जरूरी है। विभागों से सावधानीपूर्वक बजट तैयारी की अपेक्षा की गई है।
केंद्रीय प्रायोजित और केंद्रीय सेक्टर योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी तय पैटर्न के अनुसार ही की जाएगी। यदि किसी योजना में अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है तो राज्य अपने संसाधनों से उसे टॉप-अप कर सकता है। वहीं कुछ योजनाओं में पिछले वर्षों में मिलने वाली राशि का उपयोग नहीं हो सका था, उसके लिए भी स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। बजट में त्रुटियों के सुधार हेतु भी विभागों को निर्देशित किया गया है। वित्त विभाग चाहता है कि इस बार बजट पूरी तरह सटीक और स्पष्ट हो।
स्थापना व्यय, राज्य योजनाएँ, पुनर्विनियोग, और टोकन राशि जैसे विषयों पर भी विभागों को अलग-अलग निर्देश मिले हैं। केंद्र और राज्य के शेयरिंग पैटर्न में बदलाव होने पर तत्काल प्रस्ताव भेजने पर जोर दिया गया है। आकस्मिक परिस्थितियों के लिए भी विशेष प्रावधान की बात कही गई है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इस बार किसी भी बजट मद में भ्रम या त्रुटि न हो। इसलिए विभागों से पूरी जिम्मेदारी के साथ प्रस्ताव भेजने की अपील की गई है।