jharkhand high court
पेड़ कटे विकास हुआ पर हरियाली गायब
झारखंड हाई कोर्ट ने एनएच-33 सड़क परियोजना पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने पेड़ों की कटाई को गंभीर मुद्दा बताया। विकास कार्यों में पर्यावरणीय संतुलन पर जोर दिया गया। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की। न्यायालय ने कहा कि पर्यावरण की अनदेखी स्वीकार्य नहीं है। हर परियोजना में हरियाली जरूरी है।
सुनवाई के दौरान एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अदालत में पेश हुए। कोर्ट ने पिछले पांच साल का खर्च विवरण मांगा। अधिकारियों ने 20 हजार पौधे लगाने की जानकारी दी। इस पर करीब 8 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा किया गया। याचिकाकर्ता ने इन दावों को भ्रामक बताया। अदालत ने इस पर चिंता जताई।
कोर्ट का कहना है कि केवल खर्च बताने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। सड़क किनारे हरियाली दिखनी चाहिए। पुराने पेड़ों की भरपाई का स्पष्ट प्लान जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह धन की बर्बादी है। अदालत ने पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता दी। आगे सख्त निर्देश संभव हैं।