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शिमला, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में धन के कथित गबन का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक ग्राम प्रधान को ‘स्कूटी को बुलडोजर’ दिखाकर फर्जी निर्माण कार्य के बिल निकालने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह घटना ग्रामीण विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
आरोप है कि ग्राम प्रधान ने फर्जी निर्माण कार्य के लिए बिल निकाले और बिलों में बुलडोजर के बजाय एक स्कूटी का पंजीकरण नंबर दर्ज कर दिया। यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब अधिकारियों ने ग्राम पंचायत में हुए कार्यों का सत्यापन किया और पाया कि कागजों पर दिखाए गए निर्माण कार्य या तो हुए ही नहीं थे, या फिर उनके लिए बेहद बढ़ा-चढ़ाकर बिल पेश किए गए थे। यह स्पष्ट रूप से सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का मामला है, जिससे ग्रामीण विकास योजनाओं की पारदर्शिता पर संदेह पैदा होता है।
इस गंभीर आरोप के बाद, संबंधित अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान को निलंबित कर दिया है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हैं और कितनी राशि का गबन किया गया है। यह घटना ग्रामीण प्रशासन में जवाबदेही और निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकास के लिए आवंटित धन का उपयोग ईमानदारी से और सही ढंग से हो।