
HYDRABAAD
मीर ज़ाहिद, उनके दोस्त मोहम्मद आमेर और मोहम्मद इब्राहिम, और दो अन्य लोग चाय पी रहे थे, तभी उन्होंने एक इमारत से धुआं निकलता देखा। यह घटना हैदराबाद के चारमीनार के पास गुलज़ार हौज़ इलाके में हुई, जहाँ एक इमारत में भीषण आग लग गई। सुबह की नमाज पढ़कर लौट रहे इन पांच युवकों ने बिना किसी हिचकिचाहट के जलती हुई इमारत की ओर दौड़ लगाई।
ज़ाहिद ने याद करते हुए बताया, “हमने अंदर से चीखें सुनीं। दो महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रही थीं। पूरी जगह धुएं से भरी हुई थी। एक व्यक्ति पहले ही गिर चुका था।” साहस और चेहरे पर बंधे रूमालों के साथ, उन्होंने शटर तोड़कर अंदर प्रवेश किया। अंदर का मंजर भयावह था। उन्होंने एक महिला को अपने बच्चों को गोद में लिए मृत पाया। इन बहादुर युवकों ने पहली मंजिल से सात लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। कुल मिलाकर, उन्होंने 13 लोगों को बाहर निकाला, जिनमें सभी मृत थे। बच्चे बुरी तरह से झुलस गए थे। ज़ाहिद ने भारी मन से कहा कि अगर मौके पर ऑक्सीजन उपलब्ध होती, तो कुछ लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
बचाव कार्य में इन तीनों बहादुर युवकों को हाथों और पैरों में मामूली चोटें भी आईं। उन्होंने जो देखा, वह उन्हें लंबे समय तक परेशान करता रहेगा। एक हृदयविदारक दृश्य में, माताओं को अपने बच्चों को आग से बचाने की कोशिश करते हुए पाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से वे सब एक साथ चल बसे। एक बचावकर्मी ने बताया कि जले हुए बच्चों को उनकी माताओं की गोद से निकालना बहुत दर्दनाक था।